Thursday, March 18, 2010

पञ्चदिक् मधु

छान्दोग्य उपनिषद् में संकेतित मधु विद्या - क्षमा करें, अति गूढ़ एवं अनुभव मूलक होने के कारण छिपाया गया। फ़िलहाल वह मधु , वह मधुकर, वह पुष्प, वह छत्ता और छत्ते का वह आधार सभी सर्वान्तर हैं। वह सर्वान्तर आप हैं, मैं हूँ ।

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