( सूत्र संगति - ६,७,८,१२,१४,२० .......)
वह विधियोगी ही पशुपति है। पशुपति ही सम्राट है । पशुपति पशुओं से द्वेष नहीं करता , उनका पालन व नियमन करता है।
प्रेरणा श्रोत : शुक्ल यजुर्वेद , रूद्र सूक्त एवं तत्सम दृष्टि युक्त अन्य वैदिक वांग्मय ।
(नोट : यह सूत्र केवल आत्मसात करने के लिए है, कृपया इस पर टिप्पड़ी या बहस न करें )
118. Disputes relating to ownership and possession
11 years ago
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