Tuesday, May 4, 2010

निर्भय समाज

राजनितिक दलों को बाहुबलियों से मुक्त करना कठिन है, किन्तु असंभव नहींसदाचार की दृढ़ इच्छा शक्ति से कदाचार की छुद्र संस्कृति शीघ्र ही नष्ट होगीभय पर आधारित राजनीति टिकाऊ नहीं हो सकतीथोड़ा पहले या बाद में, सभी राजनितिक दल अपराधियों से पीछा छुडायेंगेफिर जनता के सामने दलों की नीतियों के विकल्प होंगे - उन विकल्पों में भय का कोई स्थान नहीं होगा

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