Sunday, March 20, 2011

मेरा पेशा और इन्टरनेट गतिविधि

चिप्पी- चिप्पी नयी लिखावट पन्ने बन गए गत्ते ! ६ साल लग गए भारतीय संविधान पर एक पुस्तक पूरी करने में । हिंदी में लिखना होता तो शायद १६ साल लग जाते। एक वार्षिक निर्णय संदर्भिका के लिए ५ महीने का समय तय किया था - ७ महीने लग गए। मुक़दमे की तैय्यारी के लिए कानून पढ़ना ही पड़ता है! अब यहाँ भी कानून की ही बात करूँ तो मैं सामाजिक प्राणी कहलाने लायक नहीं। इसलिए, इन्टरनेट पर अपने पेशे से थोड़ा हट कर लिखता हूँ।

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