सूत्र १- सत्य से सत्य प्रतिष्ठित होता है, मिथ्या से मिथ्या।
सूत्र २- जो सदैव सत्य बोलता है, वह अनायास ही कुछ कह दे तो सत्य हो जाता है।
सूत्र ३- जो प्रायः मिथ्या बोलता है उसकी कही बात अनायास ही मिथ्या हो जाती है।
सूत्र ४- ऐसा व्यक्ति हो सकता है जो कभी झूठ न बोलता हो । किन्तु ऐसा व्यक्ति नहीं मिल सकता जो कभी सत्य न बोलता हो। अतएव , सत्य मिथ्या से अधिक व्यापक है।
सूत्र ५- मिथ्या बाहर है, सत्य भीतर और बाहर दोनों जगह है। अतएव , सत्य मिथ्या से अधिक व्यापक है।
सूत्र ६- जो चीज भीतर है वह स्थायी है। बदलाव बाहर वाली चीज में होता है । अतएव, सत्य मिथ्या से अधिक शक्ति शाली है।
(जारी ...अनुभूत प्रयोग फिर कभी ....)
118. Disputes relating to ownership and possession
11 years ago
सूत्र १- सत्य से सत्य प्रतिष्ठित होता है, मिथ्या से मिथ्या।
ReplyDeleteसूत्र २- जो सदैव सत्य बोलता है, वह अनायास ही कुछ कह दे तो सत्य हो जाता है।
Upar likhi hui sutron ke liye mujhe ye lines yaad aati hain,
"Bhav Anga bhuti masan ki sumirat suhavani pavani!!"
On the personality like Lord Shiva, even the ashes of cremation ground appear charming and purify by their very thought.