Saturday, March 19, 2011

वादः प्रवदतामहम

वह जो वाद पत्र है, मैं हूँ वह जो प्रतिवादपत्र है, मैं हूँ वह जो बहस कर रहा है, मैं हूँ वह जो न्यायकर्त्ता है, मैं हूँ इन सबसे श्रेष्ठ जो वाद विन्दु है, वह भी मै ही हूँ, जैसा कि गीता के दसवें अध्याय में कहा - "वादः प्रवदतामहम"

(नोट- तकनीकी कारणों से हलंत नहीं लग पा रहा है )

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