Wednesday, April 27, 2011

यतो धर्मस्ततो जय:

वृहदारन्यक उपनिषद (//१४) के अनुसार, धर्म ही सबसे श्रेष्ठ सबका नियंता है जिसके बल पर दुर्बल भी बलवान को जीतने की इच्छा रखता है"। प्रसन्नता की बात है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय का आदर्शवाक्य है -"यतो धर्मस्ततो जय:"।

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