Friday, May 6, 2011

उपनिषद् एवं ग्राम्य भाषा शैली

बचपन में बुजुर्गों के शब्द एवं शैली मुझे गाँव के स्कूली शिक्षा से ऊपर पहुँचने पर अटपटे और गंवारू लगने लगे । विगत वर्षों में मैंने सभी १०९ उपनिषदों का आद्योपांत पाठ किया । इस दौरान प्राय: मेरी धुंधली स्मृति में बचपन में सुने हुए वे शब्द उभरने लगते और मुझे प्रतीत होता कि गाँव के बुजुर्गों कि शैली औपनिषदिक शैली से काफी मेल खाती थी।

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